जीवन परिचय

shastri2पण्डित एच० आर० शास्त्री के पिता का नाम श्री मोहनलाल जी कात्यायन गोत्र भार्गव वंश में इनका जन्म हुआ I इनकी माता गीता देवी शांडिल्य गोत्र से थी I वर्ष १९८४ में गुरु पण्डित भोमराज की आज्ञा अनुसार श्रावण मास में गुरु के साथ प्रथम बार माता वैष्णो देवी के दर्शन किये I माता वैष्णो देवी की यात्रा में इनको १० दिन लगे, प्रथम ७ दिन इनके गुरु का लंगर माता चिंतपूर्णी में तलमण्डी  धर्मशाला में  लगता है I अष्टमी का भोग लगाकर फिर आगे की यात्रा ज्वालाजी कांगड़ा जी फिर वैष्णो देवी की यात्रा संपन्न कर श्रावण शुक्ल त्रयोदशी को जब ये घर के लिए गुरु की आज्ञा से चले तो रात्रि विश्राम रेवाड़ी  में किया I रेवाड़ी में चतुर्दशी को प्रातः उठने पर इनको कुछ आत्मघात का अनुभव हुआ I शरीर असहाय सा हो गया,  प्रतीत हो  रहा था जैसे कुछ अनहोनी होने वाली है रेवाड़ी से ११ बजे रेल मार्ग द्वारा जब नीमका थाना के लिए प्रस्थान किया रास्ते में नारनौल स्टेशन पर मालीराम ताऊ जी का लड़का मिला उसने पिताजी के बीमार होने की सुचना दी पहुँचने पर पता चला की पिताजी को हार्ट अटैक का दौरा पड़ा था I दोपहर ११ बजे तक हस्पताल पहुंचे उनका देहांत  चूका था I ये इनके ईस्ट देव की परीक्षा की घडी थी I